ज्येष्ठ कवी सुधीर मोघे ह्यांची रचना .
ओंकार अनादि अनंत अथांग अपरंपार
नादब्रह्म परमेश्वर सगूण रूप साकार
सूर स्पर्श सूर श्रवण
स्वर गंधित आश्वासन
तिमिराच्या गर्भी स्वर तेजोमय हुंकार
सूर साध्य स्वर साधन
सूर रूप स्वर दर्पण
स्वर भाषा स्वर चिंतन स्वर विश्वाकार
सप्तसूर स्वर्ग सात
स्वर सांत्वन वेदनांत
सुखनिधान संजीवक शाश्वत अमृतधार
A calligraphic tribute to Poet Sudheer Moghe.
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